गृह मंत्रालय ने भारत में चिकित्सा पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए "आयुष वीजा" लॉन्च किया
परिचय: भारत के पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों को बढ़ावा देने और चिकित्सा पर्यटन को मजबूत करने के लक्ष्य के साथ, गृह मंत्रालय ने "आयुष वीजा" नामक एक नया वीजा श्रेणी शुरू की है। यह वीजा विशेष रूप से विदेशी नागरिकों के लिए है जो भारत में चिकित्सा उपचार की तलाश में हैं, विशेष रूप से आयुर्वेद और अन्य पारंपरिक उपचारों के क्षेत्र में।
आयुष वीजा का विवरण: आयुष वीजा का उद्देश्य आयुर्वेद और अन्य भारतीय चिकित्सा प्रणालियों में विज्ञान की बढ़ती मांग को पूरा करना है। इसमें चिकित्सात्मक देखभाल, स्वास्थ्य, और योग जैसी विभिन्न चिकित्सा प्रक्रियाओं को शामिल किया गया है, जिससे विदेशी यात्रियों को भारत में एक समग्र स्वास्थ्य अनुभव मिले।
उद्देश्य और प्रभाव: आयुष वीजा का मुख्य उद्देश्य भारत में चिकित्सा पर्यटन के क्षेत्र को मजबूत करना है। यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'हील इन इंडिया' पहल के अंतर्गत भारतीय पारंपरिक चिकित्सा को वैश्विक स्तर पर स्थान देने के लक्ष्य के साथ मेल खाता है।
सरकारी पहल और सहयोग: आयुष वीजा की शुरुआत सरकार के चिकित्सा पर्यटन को बढ़ावा देने के लक्ष्य को दर्शाती है। आयुष मंत्रालय और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के बीच सहयोगी प्रयास शुरू हो चुके हैं, जिसका लक्ष्य भारत में उपचार के लिए आने वाले चिकित्सार्थियों को सहायता प्रदान करना है।
प्रोजेक्टेड वृद्धि और साझेदारियाँ (जारी है): 2025 तक आयुष पर आधारित स्वास्थ्य और स्वास्थ्य अर्थव्यवस्था की कड़ी में $70 अरब तक की वृद्धि की जा रही है। इसके साथ ही, हाल ही में भारतीय पर्यटन विकास निगम (आईटीडीसी), पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार के साथ एक समझौते की स्थापना की गई है। इसका मुख्य उद्देश्य आयुर्वेद और अन्य पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में चिकित्सा पर्यटन को और अधिक बढ़ावा देना है।
निष्कर्ष: आयुष वीजा की शुरुआत भारत के सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणालियों को विश्वस्तरीय मानकों तक पहुंचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। आयुर्वेद और अन्य पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों के सामूहिक उपयोग से, भारत विश्वभर में सर्वोत्तम चिकित्सा अनुभव प्रदान करने के सपने को साकार करने की ओर अग्रसर है।